Piyush Mishra :अभिनेता के साथ-साथ वह पेशेवर लेखक, गायक और गीतकार भी हैं।, बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं।
Piyush Mishra : पीयूष मिश्रा जितने अच्छे अभिनेता हैं उतने ही अच्छे गायक और अच्छे लेखक भी हैं। 13 जनवरी को जन्मे बहुमुखी प्रतिभा के धनी पीयूष मिश्रा इसे ईश्वर का विशेष उपहार मानते हैं...
हिंदी फिल्म उद्योग में दो दशक से अधिक समय से सक्रिय पीयूष मिश्रा बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। एक अभिनेता होने के अलावा, वह एक पेशेवर लेखक, गायक और गीतकार भी हैं। उन्होंने अपनी आत्मकथा 'तुम्हारी औकात क्या है पीयूष मिश्रा' भी लिखी है।
कई कार्यों को एक साथ संतुलित करते हुए पीयूष कहते हैं, 'मैं प्रतिभाशाली नहीं हूं, मैं प्रतिभाशाली हूं। मुझे ये चीज़ें परमेश्वर से उपहार के रूप में मिली हैं। मुझे अलग-अलग चीजें करने में कोई आपत्ति नहीं है। यह रॉकेट विज्ञान नहीं है। मैं अपना हर काम ईमानदारी से करता हूं। यदि आप अपने दिमाग को एक जगह रखते हैं, तो सब कुछ अपने आप हो जाता है। जब मुझे नौकरी के सारे ऑफर मिल जाते हैं तो मैं दूसरे शख्स से साफ-साफ कह देता हूं कि मेरे पास एक्टिंग के लिए इतना वक्त है तो मैं इतना लंबा लिखूंगा। सच कहूं तो गीत लेखन मेरे लिए बाएं हाथ का खेल है। इस तरह मैंने स्टूडियो में बैठकर हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'चक्की' का गाना लिखा। दूसरी तरफ 'आरे रुक जा रे बंदे' संगीतकार बना रहे थे और यहां मैं लिख रहा था।
पीयूष वर्तमान में अपनी भूमिकाओं के साथ भी प्रयोग कर रहे हैं। वह कहते हैं, 'अब कलाकार किसी छवि से बंधा नहीं होता। इससे पता चलता है कि अब कोई भी अभिनेता किसी भी तरह का रोल करने से नहीं डरता है। लोग अभिनेताओं के प्रदर्शन को याद करते हैं। मुझे समझ नहीं आता कि कई अभिनेता वर्षों तक एक ही खलनायक की भूमिका निभाने से क्यों नहीं थकते? ठीक है, तुमने इससे पैसा कमाया, स्टार बन गए, लेकिन कब तक ऐसा करते रहोगे। नसीरुद्दीन शाह, ओम पुरी जैसे अभिनेताओं के आने के बाद हिंदी फिल्म उद्योग में एक बड़ा अंतर आया। उनके आने के बाद ही मुझ जैसा इंसान आज सिनेमा में आने की हिम्मत कर सकता है। अनुराग कश्यप ने जिस तरह के अभिनेताओं को भूमिकाएं दीं, उससे सिनेमा में भी काफी बदलाव आया।